अगर आप इन पांच चीजों की आदत शुरू से डाल देंगे। हर कोई पूछेगा कि कौन है इस होनहार के पिता|
- बच्चों को वे चीज जरूर सिखाएं जिससे वह हमेशा आत्मनिर्भर (Self depend) और आत्मविश्वास (Self Confidence) से भरी रहे।
- पुराने जमाने में आज से 60 – 70 वर्ष पहले समाज में बच्चे निम्न सिद्धांतों पर समाजिक तौर पर बटे थे।
1.आदेश आधारित सिद्धांत (Instructor Based Theory)
2.विचार विमर्श सिद्धांत (Discussion Based Theory)
3. बहस आधारित सिद्धांत (Debate Based Theory)
4. इनकार आधारित सिद्धांत।( Deny Based Theory)
“ अभी रोशनी दो कदम ही गई है दिए को किसी की नजर लग गई है।“
- इस नए जमाने में कुछ ऐसे स्टेप है जो बेसिक हैं और उन पर अमल बहुत जरूरी है पर उन पर सबसे कम ध्यान दिया जाता है।
जमाने के साथ पेरेंटिंग (Parenting) का स्टाइल भी आज बदल रहा है. डिजिटल और टेक्नोलॉजी से भरी दुनिया में बच्चे की सही तरीके से परवरिश करना आसान काम नहीं है. तमाम तरह की चुनौतियों के बीच अगर आप बेसिक पेरेंटिंग के नियमों, जिसे कई बार लोग ओल्ड स्टाइल भी मानते हैं, इन्हें ध्यान में रखें और बेसिक बातों को अपने पेरेंटिंग का हिस्सा बना लें तो आपका काम काफी आसान हो जाएगा और आज जेनरेशन के बच्चे को गाइड करने में आसानी भी होगी. यहां हम बता रहे हैं कि ओल्ड फैशन समझे जाने वाली किन पेरेंटिंग टिप्स को आपको ध्यान में रखना जरूरी है.
- खुद का परिचय देना :-
यूनिसेफ की रिसर्च की मानें तो बच्चों में शुरू से ही लाइफ स्किल्स की आदत को डेवलप करना चाहिए ( unicef research) और यह काम सबसे ज्यादा माता पिता कर सकते हैं. क्योंकि वह उनके सबसे पहले टीचर होते हैं, खासकर मां. बच्चों को घर पर ही सिखाएं कि किस तरह लोगों के साथ मिलना जुलना चाहिए. आप उन्हें स्माइल करते हुए और आई कॉन्टैक्ट के साथ लोगों से हाथ मिलाना सिखा सकते हैं. यकीन मानिए आपका यह प्रयास उन्हें सोशल होने में काफी मदद करेगा.
- बेहतर काम करने का तरीका :-
बच्चों को यह सीख घर पर ही दें कि किसी भी काम को बेहतर करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है. मसलन, काम करने से पहले उसकी प्रैक्टिस करने का महत्व, किसी भी प्रोजेक्ट को परफेक्ट करने के लिए बेहतर रिसर्च आदि|
- बागवानी के टिप्स :-
बच्चे से बागवानी कराने के कई फायदे होते हैं. मसलन वे जिम्मेदारी सीखते हैं, रिटीन फॉलो करने का फायदा देखते हैं और लाइफ में जन्म से लेकर बड़े होने के प्रोग्रेस को वे प्रैक्टिकल होकर देख पाते हैं|
- गड़बड़ी को ठीक करना :-
अगर कोई काम खराब हो जाए तो उसे किस तरह ठीक किया जा सकता है, यह भी बच्चों को सिखाना बहुत ही जरूरी होता है. मसलन, अगर लड़ाई हो गई तो क्या करना है, कोई काम खराब हो गया तो उसे कैसे सुधारना है आदि|
- बजट बनाना :-
बच्चों को बेसिक बजटिंग जरूर सिखा देनी चाहिए. आप उन्हें पैसे कमाना, उन्हें सेव करना और उन्हें खर्च करना आदि सीखने के लिए जरूर मोटिवेट करें. इस तरह वे फाइनेंशियली रिस्पॉन्सिबल बनते हैं.
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